नया दिन नया प्रारब्ध

नया बोर्ड और नया रजिस्टर
नई पुस्तकें,  बैग नया।
साफ़- सफाई  नई -नई,
प्रीति नई और  खेल नया।
कुछ बातें नई, कुछ सीख नई
कुछ बच्चे नए, परिवेश नया।
कुछ पौध लगाई नई-नई
कोई पेड़ लगाया नया-नया।
नई चुनौती,  नई उमंगें,
संकल्प नए, प्रारब्ध नया।
अवकाश के बाद जो लौटे सब
तो सब कुछ लागे नया-नया।
फिर सीखा हमने एक बार
ये गीत सुहाना नया-नया।

रचयिता
निशी श्रीवास्तव,
प्र0 अ0,
प्राथमिक विद्यालय रमपुरवा,
विकास खण्ड-बी0के0टी0,
जनपद-लखनऊ।

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