वन्देमातरम
वन्देमातरम... वन्देमातरम
भारत बोले... वन्देमातरम
मैं भी ...बोला वन्देमातरम
नभ में गूँजा वन्देमातरम।।
जन-जन बोले वन्देमातरम
तुम भी बोलो वन्देमातरम
सरहद पर गूँजे वन्देमातरम
देश की धरती वन्देमातरम।।
खेतों में हरियाली वन्देमातरम
जय-जय किसान वन्देमातरम
सीमा पर जवान वन्देमातरम
जय-जय विज्ञान वन्देमातरम।।
है रोम-रोम में वन्देमातरम
वन्देमातरम.. वन्देमातरम
प्यारा तिरंगा वन्देमातरम
विजयी विश्व वन्देमातरम।।
अग्नि मिसाइल वन्देमातरम
नाग.... पृथ्वी....वन्देमातरम
भारत की जय वन्देमातरम
ब्रह्मोस का मारक वन्देमातरम।।
जल-थल-नभ में वन्देमातरम
देश की.. मिट्टी... वन्देमातरम
देश की.. नदियाँ वन्देमातरम
देश.. की खुशबू वन्देमातरम।।
वन उपवन सब वन्देमातरम
वारिधि पग धोता वन्देमातरम
खड़ा...हिमालय वन्देमातरम
राष्ट्र धर्म है.... वन्देमातरम।।
रचयिता
डॉ० प्रभुनाथ गुप्त 'विवश',
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलवा खुर्द,
विकास खण्ड-लक्ष्मीपुर,
जनपद-महराजगंज।
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