241/2024, बाल कहानी -27 दिसम्बर


बाल कहानी- चींटी मैना और कोयल
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एक छोटी चींटी थी। वह दाने की खोज के लिए जा रही थी। चींटी को रास्ते में मैना मिल गयी। मैना ने चींटी से कहा, "चलो, जंगल में जाकर बातें करते हैं।" दोनों जंगल की ओर जाने लगे, तभी वहाँ कोयल आ गयी। अब तीनों जंगल में पेड़ के नीचे बैठ गये। चींटी और मैना ने कोयल से कहा, "कोयल बहिन! तुम बहुत अच्छा गाना गाती हो। हमें भी गाना सुनाओ।" कोयल गाना गाने लगी। चींटी और मैना कोयल का गाना सुनकर नाचने लगे। अब उन तीनों को बहुत भूख लग आयी थी। वे तीनों भोजन की तलाश में किसी गाँव में पहुँच गये। उस गाँव में शादी थी।
कोयल ने वहाँ गाना गाया। चींटी और मैना ने गाने के साथ नाचना शुरू किया। कोयल का गाना, चींटी और मैना का नाचना सभी को बहुत अच्छा लगा। शादी में आये लोगों ने कहा, "तुम्हें क्या पसन्द है? हम तुम्हें वही खिलायेंगे।" कोयल ने कहा, "मुझे आम पसन्द हैं।" मैना ने कहा, "मुझे चावल के दाने पसन्द हैं।" फिर चींटी ने पूछने पर बताया कि, "मैं तो मिठाई खाती हूँ।" तीनों को उनकी पसन्द की चीजें दी गयीं। उन तीनों ने आम, चावल के दाने और मिठाई खाकर अपनी-अपनी भूख मिटायी और अपने-अपने घर को चले गये।

#संस्कार_सन्देश -
अपनी कला, कौशल, क्षमता के द्वारा हर कार्य सम्भव होता है इसलिए अपनी कला को छिपाना नहीं चाहिए।

कहानीकार- 
#दमयन्ती_राणा (स०अ०) 
रा० उ० प्रा० वि० ईड़ाबधाणी
वि० ख० कर्णप्रयाग 
जिला- चमोली (उत्तराखण्ड)

कहानी वाचन-
#नीलम_भदौरिया
जनपद-फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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