232/2024, बाल कहानी - 16 दिसम्बर
#दैनिक_नैतिक_प्रभात- 232/2024
16 दिसम्बर 2024 (सोमवार)
#बाल_कहानी- #कैंची_और_गोंद
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एक बार कैंची और गोंद में तकरार हुई। "दोनों में बेहतर कौन?" इस बात की बहस चल रही थी।
कैंची को घमण्ड था कि सबको उसकी जरूरत पड़ती है। गोंद को भी लगता था कि उसके बिना कोई काम नहीं हो सकता।
कैंची ने गोंद से कहा-, "अगर मैं न होती तो लोग चीज़ों को काटते कैसे?"
गोंद ने जवाब दिया-, "तुम्हारा काम है काटना और मैं लोगों को जोड़ता हूँ। इसलिए मैं तुमसे बेहतर हूँ।"
कैंची गुस्से से बोली-, "अगर मैं न होती तो दर्जी कपड़े कैसे काटता और लोग कैसे पहनते?"
गोंद बोली-, "अगर तुम कपड़े काटने का काम करती हो तो मैं भी कपड़े जोड़ने का काम करता हूँ।"
कैंची तपाक से बोली-, "अगर मैं न होती तो लोगों के बाल कौन काटता?" गोंद ने भी फट से जवाब दिया-, "मैं न होता तो बताओ! जिन लोगों के बाल नहीं, उनको विग कैसे लगती।" कैंची भी कहाँ चुप रहने वाली थी। तपाक से बोली-, "अगर मैं न होती तो लोग जाड़े में ठिठुर जाते क्योंकि भेड़ से ऊन कौन काटता?"
गोंद ने भी तुनककर जवाब दिया-, "तुम तो सिर्फ ऊन काटने के काम आती हो लेकिन मेरा सेवन करके तो लोगों का शरीर अन्दर से गर्म रहता है। ठण्ड नहीं लगती।"
कैंची बोली-, "अच्छा तो बताओ! अगर मैं न होती तो डॉक्टर ऑपरेशन कैसे करते?"
गोंद ने भी गुस्से से जवाब दिया-, "मेरे बिना भी ऑपरेशन पूरा कैसे होगा, मैं तो घाव चिपकाने का काम करता हूँ ।"
दोनों की तकरार खत्म नहीं हो रही थी। तभी उधर से सोनू बन्दर गुजर रहा था। दोनों की तकरार देख कर रुक गया ।
"तुम दोनों क्यों लड़ रहे हो?" सोनू बन्दर ने पूछा?
कैंची और गोंद ने सारी बात बतायी। सोनू बन्दर कुछ सोचते हुए बोला-, "अच्छा! अभी यहाँ से एक मोटू सेठ निकालने वाला है। तुम दोनों यही रहना। देखते है, किसकी उसको अधिक जरूरत पड़ती है?"
कुछ देर बाद वहाँ से एक मोटू सेठ निकला। वहाँ पर एक केले का छिलका पड़ा हुआ था। छिलके पर पैर रखने से वह धड़ाम से गिरा। मोटू सेठ को गहरी चोटें आयीं और उसकी हड्डियाँ टूट गयीं। डॉक्टर आया। उसने चोट पर कैंची से काटकर पट्टी बाँधी और फिर हड्डी जोड़ी।
सोनू बन्दर ने कहा-, "देखो, तुम दोनों ही लोगों के लिए बहुत जरूरी हो क्योंकि जहाँ काटने का काम है, वहाँ कैंची ही काम आयेगी। जहाँ जोड़ने का काम है, वहाँ गोंद ही काम आयेगा। इसलिए अब तुम दोनों झगड़ा छोड़ो और एक दूसरे से मिलकर रहो।"
कैंची और गोंद दोनों को बात समझ में आयी और दोनों ने तकरार छोड़ दिया।
#संस्कार_सन्देश -
जीवन में हमें किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। हर व्यक्ति हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है।
कहानीकार-
#रूखसार_परवीन (स०अ०)
संविलियन विद्यालय गजपतिपुर
बहराइच (उत्तर प्रदेश)
कहानी वाचन-
#नीलम_भदौरिया
जनपद-फतेहपुर (उ०प्र०)
✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात
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