227/2024, बाल कहानी- 10 दिसम्बर



बाल कहानी - टच बैड टच
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सोनाली कक्षा छः की छात्रा थी। वह पढ़ाई के साथ-साथ अन्य विद्याओं में भी बहुत होशियार थी। देखने में भी वह बहुत सुन्दर थी। सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे। जब भी कोई प्रतियोगिता होती, वह बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करती थी। बोलती भी बहुत थी। 
अचानक गर्मी की छुट्टियों के बाद जब विद्यालय पुनः खुले तो सोनाली में बहुत ज्यादा बदलाव मिलता है। अब वह एकदम चुपचाप रहने वाली बच्ची बन चुकी थी। कक्षा में अध्यापिका जब कुछ पूछती तो वह कुछ भी नहीं बोलती और न ही किसी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करती। 
अध्यापिका भी बहुत परेशान हुई। एक दिन कक्षा अध्यापिका सोनाली के घर गयी। उसके मम्मी-पापा से बात की। तब पता चला कि गर्मी की छुट्टियों में ये अपनी दीदी के ससुराल गयी थी, तभी से इसके स्वभाव में बदलाव आया है। अध्यापिका को समझते देर नहीं लगी।
एक दिन कक्षा में रोल प्ले करवाया, जिसमें गुड टच और बैड टच के बारे में बताया गया। अचानक सोनाली चिल्ला पड़ी, "क्या ये बैड टच है?" तब अध्यापिका ने उसे अपने पास बुलाया और उसने सब बातें बतायीं, तो अध्यापिका के कहने पर इसकी शिकायत पुलिस में की गयी और सभी को समझाया गया।
"सच है, हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए, अगर कोई गलत काम करता है तो चुप नहीं रहना चाहिए। इसकी शिकायत करनी चाहिए, जो हमारा अधिकार है, चुप रहकर हम अन्याय को बढ़ावा देंगे।"
अब सोनाली को सब बातें समझ आ गयीं। उस दिन से वह अपने अच्छे-बुरे के प्रति अधिक सतर्क रहती थी और हमेशा जागरुक और निडर रहने लगी।

#संस्कार_सन्देश-
सभी अध्यापिकाओं का ये परम कर्तव्य होना चाहिए कि वे अपने-अपने विद्यालय में लड़कियों को शुरु से ही अच्छे-बुरे स्पर्श के बारे में बताकर जागरुक करती रहें।

कहानीकार-
#अंजनी_अग्रवाल (स०अ०)
उच्च प्राथमिक विद्यालय सेमरुआ,
सरसौल (कानपुर नगर)

कहानी वाचन-
#नीलम_भदौरिया (स०अ०)
जनपद-फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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