226/2024, बाल कहानी -09 दिसम्बर


बाल कहानी - सच्ची मित्रता
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किसी गाँव में रामू, श्यामू, सोनू और मोहन रहते थे। उन चारों में घनी मित्रता थी। वे सभी कक्षा सात में पढ़ते थे। वे चारों साथ-साथ खेलते थे। वे जहाँ जाते, चारों साथ जाते।
एक दिन वे चारों खेल रहे थे। तभी वहाँ उन्हें एक तितली दिखाई दी। तितली बहुत सुन्दर थी। वह उड़कर कभी एक फूल पर जाती, कभी दूसरे फूल पर। वे चारों बहुत देर तक तितली को देखते रहे। वे सभी तितली के पीछे-पीछे दौडते रहे। तितली पता नहीं, कहाँ उडकर चली गयी? वे चारों फिर खेलने लगे।
खेलते-खेलते श्यामू को बुखार आ गया। उसका मुँह लाल हो गया। सोनू ने कहा, "चलो, इसे घर ले चलते हैं।" श्यामू को लेकर वे उसके घर गये। उन्होंने श्यामू की माँ से कहा, "श्यामू को बुखार आ गया है।" श्यामू की माँ ने जल्दी से उसके सिर पर पट्टी रखी। पट्टी रखने के थोड़ी देर बाद श्यामू का बुखार उतर गया। सोनू, रामू और मोहन खुश हो गये। उन्होंने श्यामू से कहा, "तुम आराम करो। हम कल तुम्हारे घर आयेंगे।" ऐसा कहकर वे तीनों अपने घर को चले गये। अगले दिन श्यामू को डाक्टर को दिखाया गया। श्यामू को तीन-चार दिन दवाई खानी पड़ी और खाने-पीने का परहेज करना पड़ा।
तीनों मित्र रोज श्यामू के घर आते और उसका हाल-चाल पूछते तथा उसके पास बैठते। 
कुछ दिनों बाद श्यामू बिल्कुल ठीक हो गया। स्कूल खुलने लगे थे। वे चारों अब स्कूल जाते और शाम को तितलियों के पीछे भागते। रात को अपने माता-पिता के पास बैठकर पढ़ाई करते और जो समझ में न आये, वह उनसे पूछते। उनके माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति लगन देखकर बहुत खुश थे।

#संस्कार_सन्देश -
मित्रों का होना हमारे जीवन में बेहद जरुरी है, क्योंकि वे हमें हर सुख-दु:ख में सहारा देते हैं।

कहानीकार-
#दमयन्ती_राणा (स०अ०) 
रा० उ० प्रा० वि० ईड़ाबधाणी,
कर्णप्रयाग, चमोली (उत्तराखण्ड)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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