प्रतिवर्ष जब बड़ा दिन आता
प्रतिवर्ष जब बड़ा दिन आता
खुशियाँ ढेरों संग में लाता
अवतरण दिवस यह प्रभु ईसा का
सच्चाई की राह दिखाता
जग में भूले- भटकों को यह
सन्मार्ग का पथ दिखलाता
प्रतिवर्ष जब बड़ा दिन आता..
साफ-सफाई, खेल-खिलौने
बच्चों के लिए उपहार जो लाता
लंबी दाढ़ी व लाल पोशाक में
बच्चों का प्रिय सांता क्लॉज़ कहाता
पेड़ क्रिसमस का क्या खूब सजता
प्रतिवर्ष जब बड़ा दिन आता..
सुख-समृद्धि के पाठ हो रहे
दुनिया भर के गिरजों में
शीत ऋतु के पावन पर्व में
गर्मजोशी है सबके मनों में
घर-घर में खुशबू महकाता
प्रतिवर्ष जब बड़ा दिन आता..
पर अबकी बार इस बड़े दिन पर
सांता विनती सुनते जाना
प्रभु ईसा के संग में मिलकर
दुनिया से महामारी मिटाना
प्रभु तो सबका जीवन दाता
प्रतिवर्ष जब बड़ा दिन आता.
रचयिता
गीता जोशी,
सहायक अध्यापक,
राजकीय कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय जैनौली,
विकास खण्ड-ताड़ीखेत,
जनपद-अल्मोड़ा,
उत्तराखण्ड।
Wow
ReplyDeleteWonderful poem