बालिका शिक्षा
पढ़ने को मम्मी जाऊँगी, जरा सबसे ये कह दो।
पापा से कह दो चाहें दादा से कह दो,
किसी की बात न मानूँगी, जरा सबसे ये कह दो।।(1)
मात तुम्हें समझाई है घर में लक्ष्मी आई है,
बेटा का फर्ज निभाऊँगी, जरा सबसे ये कह दो।।(2)
दृढ़ संकल्प हमारा है कर दूँगी नाम तुम्हारा है,
डी.एम. बनके दिखाऊँगी, जरा सबसे ये कह दो।।(3)
सेना में माँ हमको जाना दुश्मन के हैं छक्के छुड़ाना,
तिरंगा शान से फहराऊँगी, जरा सबसे ये कह दो।।(4)
SSA का कहना है सबको पढ़ना लिखना है,
साक्षर राष्ट्र बनाऊँगी, जरा सबसे ये कह दो।।(5)
पढ़ने को मम्मी जाऊँगी, जरा सबसे ये कह दो।।
रचयिता
अजय विक्रम सिंह,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मरहैया,
विकास क्षेत्र-जैथरा,
जनपद-एटा।
बहुत अच्छी कविता
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