जय माँ कात्यायनी

हे! कात्यायन की सुता, कात्यायनी प्रणाम।

करता विनती ओम है, पूरन हो हर काम।।


छठे दिवस नवरात्रि में, माता आतीं द्वार।

भक्ति भाव पूजन करो, पाओ हर्ष अपार।।


भाव पुष्प अर्पित करूँ, जानूँ नहीं विधान।।

दया मात जी कीजिए, दे दो विद्या दान।।


पावन ममता रूप हो, कहता सब संसार।

पूजन करता भक्त जो, पाता कृपा अपार।।


कात्यानी को पूजिये, देकर सुंदर भोग।

बरसे माँ की सत कृपा, मिटते सारे रोग।।


कन्या पूजें मात को, पायें वर वरदान।

अड़चन विवाह की मिटे, होता सफल निदान।।


सिंह सवारी माँ करें, रहतीं शिव के साथ।

उमा नाम भी यह रखें, देतीं वर हर हाथ।।


शक्ति रूप सुंदर यही, करता जग कल्यान।

दर्प त्याग पूजन करो, रक्षित रहते प्रान।।


रचयिता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक, 
प्राथमिक विद्यालय उदयापुर, 
विकास खण्ड-भीतरगाँव,
जनपद-कानपुर नगर।

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