पंडिता रमाबाई

चमका जिसके नाम का तारा... 

वो थी दुःखियों की दुःख हरता.. 

वो थी विदुषी समाज सुधारक..

 

चमका जिसके........... 

वो थी कमजोरों की लाठी... 

वो थी विधवाओं की साथी... 


चमका जिसके............ 

वो थी बालिकाओं की ताकत... 

वो थी पिछड़ों का सहारा.. 


चमका जिसके............. 

वो थी पंडिता और सरस्वती.... 

वो थी "कैसरी-ए-हिन्द" पदक विजेता..


चमका जिसके.......... 

वो थी अल्प आयु में 20 हजार श्लोक कंठस्थ करने वाली.. 

वो थी सात भाषाओं की ज्ञानी.... 


चमका जिसके....... 

वो थी "द हाई कास्ट हिन्दू विमन" की लेखिका... 

वो थी कवियत्री वो थी लेखिका...


चमका जिसके............ 

वो थी मेधावी क्रेटर..... 

वो थी भोर का तारा.... 


चमका जिसके........... 

वो थी जिसके नाम बिके स्मारक टिकट सारा... 

वो 23 अप्रैल को मैसूर में जन्मी

अनंत शास्त्री की पुत्री थी.. 


चमका जिसके..... 

वो पंडिता रमाबाई थी........l


रचयिता

राजीव कुमार सिंह,

सहायक अध्यापक,

कम्पोजित विद्यालय अख़री,

विकास खण्ड-हथगाम,

जनपद-फतेहपुर।


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