विश्व पृथ्वी दिवस

जगत जननी भू-भूमि,

करती भरण-पोषण सबका।

हर प्राणी को देती सबकुछ,

हर जीव पर कर्ज इसका।।


भार सहती समस्त विश्व का,

नहीं करती दर्द का इजहार।

सन्तान समझकर सबको पालती,

सदा करती सब पर उपकार।।


चोट मारता हर क्षण जीव,

करता रहता सदैव प्रहार।

पृथ्वी की उदारता देखो,

माँ बन सबको करती प्यार।।


पृथ्वी के इस उपकार को,

देखो तुम मत जाना भूल।

समस्त संसार टिका है इसपर,

इसी पर पेड़-पौधे और फूल।।


रचयिता

सीमा शर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय निवाड़ा,

विकास खण्ड-बागपत, 

जनपद-बागपत।

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