अलंकार

बार-बार एक वर्ण जो आए
अनुप्रास अंलकार।

युग्म शब्द के पृथक अर्थ
हो तो होता यमकालंकार।।

और श्लेष में एक शब्द के
कई अर्थ हो जाते।

छोटी बात को बढ़ा चढ़ाकर
अतिशयोक्ति बतलाते।।

सा, सी, से, सम, सरिस मान लो
शब्द उपमा बतलावें।

मनु, मानो और जनु, जानो
उत्प्रेक्षा में आवैं।।

शशि मुख एक रूप जो
माने रूपक है अलंकार।

दो वस्तु में भ्रम की स्थिति
भ्रांतिमान अलंकार।।

रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।

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