मैं हूँ बेसिक शिक्षा परिषद

आओ आओ प्यारे बच्चों
मुझमें आके नाम लिखाओ
पढ़ो, लिखो और नाम कमाओ
होती पढ़ाई, लिखाई और कसरत
क्योंकि मैं हूँ बेसिक शिक्षा परिषद

प्रार्थना, पीटी और व्यायाम
लंच में दूँगा थोड़ा आराम
शुल्क तुमसे एक नया लूँगा
ड्रेस, बैग, जूता और स्वेटर दूँगा
क्यों कर रहे प्रयास भगीरथ
आओ मैं हूँ बेसिक शिक्षा परिषद

कुशल अध्यापन
प्रशिक्षित टीचर
मेरे यहाँ भी बनते मॉनिटर
बैग के बोझ से नहीं होगा दर्द
क्योंकि मैं हूँ बेसिक शिक्षा परिषद

सजना संवरने मैं भी लगा हूँ
नये-नये रंग में रंगने लगा हूँ
हर क्षेत्र में हासिल है महारथ
क्योंकि मैं हूँ बेसिक शिक्षा परिषद

अपने बाबा दादा से पूछो
आओ मेरे पास कहीं न उलझो
मैं रखूँगा तुम्हारा ख्याल
नहीं होगा जीवन बेहाल
श्रीराम के पिता जी जैसे दसरथ
मैं हूँ तुम्हारा वैसे बेसिक शिक्षा परिषद

रचयिता
विनोद कुमार श्रीवास्तव,
जौनपुर।

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