राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस

24 दिसम्बर
जागो ग्राहक जागो

भारत में 24  दिसम्बर को प्रतिवर्ष  राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया  मनाया जाता है। भारत में इसे सन 2000 से मनाने की शुरुआत हुई।

 24 दिसम्बर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था। 1991 तथा 1993 इसमे कुछ संशोधन किये गए।

दिसम्‍बर 2002 इस अधिनियम में व्यापक संशोधन करके इसे और प्रयोजनपूर्ण एवं पारदर्शी बनाया गया।

ग्राहक संरक्षण कानून की महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इसका मसौदा किसी भी शासकीय पक्ष ने तैयार नहीं किया बल्कि विधेयक को अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने तैयार किया था।

1979 में
ग्राहक पंचायत ने  ग्राहक कानून समिति का गठन किया जिसके अध्यक्ष गोविन्ददास और इसके सचिव सुरेश बहिराट थे। शंकरराव पाध्ये एडवोकेट गोविंदराव जी आठवले, स्वाति शहाणे इस समिति के सदस्य थे।

 1980 में ग्राहक पंचायत ने स्वयं  कानून का प्रारूप तैयार किया और दिनांक 9 अप्रैल 1980 को कानून समिति की पहली बैठक में कानून का प्रारूप समिति के सामने रखा गया।
फिर समिति की चर्चा के पश्चात व्यवस्थित मसौदा अनेक कानून विशेषज्ञों, राज्य सरकार के पदस्थ सचिवों, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, कानूनविदों को प्रेषित कर उनकी सलाह माँगी गयी।

1980 में बाबूराव वैद्य ने  जो महाराष्ट्र राज्य विधान परिषद् के सदस्य थे, विधेयक रखने का उत्तरदायित्व स्वीकार किया। तब जाकर वर्तमान ग्राहक कानून अस्तित्त्व में आया था।

ग्राहकों को जागरूक करने के लिए 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस भी मनाया जाता है।

संकलन
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।

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