संघर्ष-पथ

बढ़ना है तो पढ़ना जानो।
संकटों से भी लड़ना जानो।।
        मूल्यवान समय है कितना?
         वर्तमान में जीना सीखो।
सुख-दुःख से भरा समाज,
कल को छोड़ो, देखो आज।
     लाचारी मत बताना किसी को,
      हँसी उड़ाते पाओगे उसी को।
कदम मिलाकर चलना सीखो,
आदर्शों में सदा रहना सीखो।
       मेहनत का फल मीठा होता।
       सदा सोने वाला ही है खोता।
कभी करना नहीं बहाना,
अपना भाग्य स्वयं जगाना।
      कठिन डगर पर चलते जाना।
     सच्चाई को प्रायः गले लगाना।
जीवन अमूल्य, कभी मत खोना।
सभी अपने हों, सबका तुम होना।
      काम करना जो मन में ठानो।
     सफलता का मूल मंत्र जानो।।
           
रचयिता
रवीन्द्र शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार,
विकास क्षेत्र-परतावल,
जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।

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