जय हिन्द

हम भारत के लोग,  सभी धर्मों के पर्व मनाते हैं,
मानवता की परिभाषा जहाँ को, हम सिखाते हैं।

हमारा भारत कैसा भारत है? संक्षेप में बतलाते हैं,
भारत से आज आपका, थोड़ा परिचय करवाते हैं।

जगत वाले, जब अज्ञानता के अंधेरे में खो जाते हैं,
हम ज्ञान का दीप लिये, उन सबको राह दिखाते हैं।

कुछ तो है भारत में, जो अवतरित हो प्रभु आते हैं,
कर्म का महत्व बताने को, गीता उपदेश सुनाते हैं।

धर्म के विकृत होने पर,बुद्ध, महावीर भी आते हैं,
रोगी, वृद्ध, मृतक देख, बुद्ध के नयन नीर बहाते हैं।

करुणा की सच्ची परिभाषा, बुद्ध हमें समझाते हैं,
सभी दुःखी प्राणियों को, सुख का मार्ग दिखाते हैं।

देश पर संकट आने पर, प्रताप, शिवा यहाँ आते हैं,
आज़ाद, अशफाक, बिस्मिल, वतन पर जां लुटाते हैं।

अपने दुश्मन देश को भी, पहले प्रेम से समझाते हैं,
प्रेम से न माने तो, कलाम की मिसाइलें दिखाते हैं।

हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई तो हमारे मज़हब हैं,
भारत के लिये मिलकर, हम भारतीय हो जाते है।

रचयिता
प्रदीप कुमार,
सहायक अध्यापक,
जूनियर हाईस्कूल बलिया-बहापुर,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा,
जनपद-मुरादाबाद।

विज्ञान सह-समन्वयक,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा।

Comments

Total Pageviews