है नमन तुम्हें

 हे महान रानी, है नमन तुम्हें

हे महान रानी है नमन तुम्हें

तुम हो गौरव इस धरा का

नारियों का हो सम्मान तुम

प्रकाश असीमित हर प्रभा का


तुमसे ही पाती हैं प्रेरणा हम

आत्मसम्मान ही सर्वश्रेष्ठ धन

जीवन है संघर्ष हरदम

फिर भी आशा ना छोड़े कभी हम


स्वहित से ऊपर सदा देशहित हो

निज स्वार्थ से ना ये मन पूरित हो

मन में हो गंगा और तन पे तिरंगा

तन-मन-धन देश पे समर्पित हो


ना समझें स्वयं को अबला

हम हैं हिन्द की शेरनियाँ

संकट यदि आये, ना तनिक घबराएँ

प्राण लिए मुट्ठी में, तूफ़ां से टकराएँ


ना भय मृत्यु का हो

ना मोह पुत्र का हो

लेकर शपथ तुम्हारी

बस आगे बढ़ते जाएँ।


रणक्षेत्र हो या हो संघर्ष जीवन का

ना कायरता दिखलाएँ, ना अपना मुँह छिपाएँ

मन में भरें दृढ़ता, साहस को अपनाएँ

बन लक्ष्मीबाई हम भी, हर समर विजित कर जाएँ


रचयिता

रीता गुप्ता,
सहायक अध्यापक, 
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेहट नंबर-एक,
विकास क्षेत्र-साढोली कदीम,
जनपद-सहारनपुर।


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