रंगों की दुनिया

आओ बताएँ तुम्हें क्या होते रंग,

जीवन में भरते हर पल नहीं तरंग।


लाल रंग का टीका होता,

शौर्य की गाथा इसमें।

भगवा प्रतीक स्वच्छता का,

त्याग तपस्या जिसमें।।


हरा रंग पूरी प्रकृति में व्याप्त है,

देख इसे शांति मिलती पर्याप्त है।

विद्या और ज्ञान का रंग होता है पीला,

तारा आसमान में है कितना चमकीला।।


नीले रंग की पृथ्वी हमारी,

नीलकंठ ही हैं त्रिपुरारी।

बाल देखो सब का काला,

चाहे बालक हो या बाला।।

श्वेत रंग शांति का प्रतीक,

इससे लो तुम अच्छी सीख।।


रचयिता
आकांक्षा मिश्रा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय सिकंदरपुर,
विकास खण्ड-सुरसा, 
जनपद-हरदोई।

Comments

  1. बहुत अच्छी लगी आप द्वारा रचित कविता

    ReplyDelete

Post a Comment

Total Pageviews