तेरे ही चरणों में

हम शीश कटाएँगे तेरे ही चरणों में,

रक्त बहाएँगे हम तेरे चरणों में।


फर्ज ना भूले हैं अपना ना भूलेंगे,

हम तेरी रक्षा में सूली झूलेंगे।

सब कुछ है कुर्बान तेरे ही चरणों में,

रक्त बहाएँगे हम तेरे चरणों में।

हम शीश कटाएँगे.......


सीमा पर दुश्मन को धूल चटाएँगे,

उनको उनकी औकात हम दिखलाएँगे।

सिर दुश्मन का झुकाएँगे तेरे चरणों में,

रक्त बहाएँगे हम तेरे चरणों में।

हम शीश कटाएँगे.......


सरहद पर हम गीत तेरे ही गाएँगे,

हम ले तिरंगा हाथों में मुस्काएँगे।

स्वर्ग जहां का है बस तेरे ही चरणों में,

रक्त बहाएँगे हम तेरे चरणों में।

हम शीश कटाएँगे.......


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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