राष्ट्रीय घोड़ा दिवस

लम्बी दूरी, रेस वाले हैं  जानवर,

लाल, सफेद, काले भूरे रंग में होता।

गर्दन पूँछ पर होते लम्बे बाल,

शरीर मजबूत और गठीला होता।।


बहुत उपयोगी, वफादार है जानवर, 

लम्बी यात्रा में, परिवहन है बनता।

युद्ध,  सर्कस, दौड़ में प्रतिभा दिखाये, 

'हिनाहिना' कर, अपनी प्रतिक्रिया है देता।।


400 से अधिक नस्ल वाले हैं घोड़े,

वजन में 998 किलोग्राम तक होते।

 युद्ध, सेना का अभिन्न अंग हैं होते,

राजा, रजवाड़ों के शौक होते घोड़े।।


360 डिग्री तक देखने की क्षमता रखते,

खड़े-खड़े, बैठकर सोते हैं घोड़े 

जन्म के कुछ घंटों में ही दौड़ने लगते 

औसतन 30-40 वर्ष तक जीते हैं।


प्रतिवर्ष 13 दिसम्बर को,

राष्ट्रीय घोड़ा दिवस मनाया जाता है।

उनके आर्थिक, ऐतिहासिक योगदान हेतु

प्रशंसा और जागरूकता लाया जाता है।।


रचयिता

वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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