विश्व मूक बधिर दिवस

सुनने की क्षमता में कमी वाले लोग,

बोलने की क्षमता में कमी वाले लोग।

मूक-बधिर उनको हैं हम कहते,

संचार स्थापित हेतु चुनौती होते हैं ये लोग।।


बधिरों के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए,

बधिर तकनीकों से अवगत कराना है।

प्रतिवर्ष  26 सितम्बर को,

विश्व मूक बधिर दिवस मनाना है।।


विश्व विश्व बधिर संघ 1998 से,

विश्व मूक बधिर दिवस की शुरुआत किया।

बधिरों के सामाजिक, आर्थिक अधिकारों हेतु 

जागरूकता उत्पन्न करने का कार्य किया।। 


बधिर दिवस, सप्ताह  रूप में मनाया जाता है,

स्वस्थ जीवन, स्वाभिमान  सिखाया जाता है।

बधिरों के कार्यों को, समाज में सराहना मिले,

बधिरों की समस्याओं से निजात पाया जाता है।।


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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