शिक्षक

शिक्षक सबसे है बड़ा,

 ज्ञानी और महान।

 शिक्षा देकर छात्र को,

 करे ज्ञान का दान।।


 गीली मिट्टी ही मिली,

 शिक्षक को हर बार।

 रचा ज्ञान का है घड़ा,

 छलके ज्ञान अपार।।


 मैं भी तो अध्यापिका,

 पाठन मेरा काम।

 बहुत पढ़ाऊँ शिष्य को,

 खूब कमाये नाम।।


 सच्चा शिक्षक है वही, 

 कार्य करे निष्पक्ष।

 जाति पाँति से हो रहित, 

 करे छात्र को दक्ष।। 


 शिक्षक हरदम चाहता, 

 पाए छात्र मुकाम। 

 उच्च स्थान को प्राप्त कर, 

 बाँटे ज्ञान तमाम।। 


 छात्र गुरु के बाग के,

 सुन्दर प्यारे फूल।

 भरी गुणों के रंग जो,

 दूर करे सब शूल।। 


 ज्ञान चक्षु को खोल कर,

 शिक्षक भरे प्रकाश।

 अँधियारा सब दूर कर,

 अज्ञान करे नाश।। 


 रचयिता

गीता देवी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,

विकास खण्ड- बिधूना, 

जनपद- औरैया।



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