हिन्दी को अपनाऍंगे

 हिंद देश की शान है हिंदी, 

हर भाषा की जान है हिंदी, 

बोल इसे इतराऍंगे, 

हम हिन्दी को अपनाऍंगे।


हर भाषा की जननी है, 

हिन्दी ही तो अपनी है, 

अब ना कभी शरमाऍंगे, 

हम हिन्दी को अपनाएँगे।


निज भाषा पर मान करें हम, 

हिन्दी का सम्मान करें हम, 

देश का ताज बनाएँगे, 

हम हिन्दी को अपनाऍंगे।


हिन्दी मेरी पहचान बने, 

हिन्दी मेरा अभिमान बने, 

घर-घर अलख जगाएँगे, 

हिन्दी को हम अपनाऍंगे।


रचयिता

पंकज लता मिश्रा, 

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय छितौनी शाहपुर चगौना,

विकास खण्ड-अहिरौला,

जनपद-आजमगढ़।



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