अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

अपनी भाषा से हम सब करते हैं प्रेम,

इसके साथ हमेशा रहा अनुपम प्रेम।

पहला शब्द जब हमने अपनी भाषा का बोला,

उत्पन्न हुआ तभी से हमें लगाव और प्रेम।।


21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाएँ,

सभी को इसकी उपयोगिता हम बताएँ।

17 नवंबर 1999 यूनेस्को से स्वीकृति पाई,

सांस्कृतिक विविधता से सबको परिचित कराएँ।।


2008 को संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने महत्व बताया,

भाषा की जागरूकता को बढ़ावा देना है सिखाया।

अपनी भाषा पर गर्व हम सबको है करना,

तभी इस दिवस का अस्तित्व बढ़ पाया।।


"हमारी भाषा ही हमारी संपत्ति" थीम थी पिछली,

भूले ना ऐसे कोई चाहें पीढ़ी आए अगली।

तोतली जुबान से जब बच्चा पहला शब्द बोलता है,

माँ शब्द हमारी मातृभाषा है सुनकर बाँछें खिली।।


मातृभाषा को जो प्रतिपल मिलेगा सम्मान,

बढ़ जाएगी फिर अपने देश की शान।

सम्मान पाकर गर्वित होगा हर एक जन,

शपथ लें बढ़ाते रहेंगे मातृभाषा का मान।।


रचयिता

नम्रता श्रीवास्तव,

प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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