वायु सेना दिवस

"और अन्त में यह वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई हवा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए फूल बरसाते हुए। वाह क्या बात है!"


 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस मनाने के बाद में वायु सेना के लड़ाकू विमान अपना प्रदर्शन करते हैं। हमें हमारे देश की वायु सेना की शक्ति के बारे में पता चलता है। हमारे देश की तीनों सेनायें जल सेना,थल सेना,वायु सेना का राष्ट्र की सुरक्षा में बहुत बड़ा योगदान है।

भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गई थी। 


जब कभी भी पड़ोसी देशों से युद्ध की बात आई है, हमारे देश की वायु सेना ने युद्धों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है और अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। वायु सेना हमारी सेनाओं का एक महत्वपूर्ण अंग है। हमारी वायु सेना आधुनिक अस्त्र - शस्त्रों से सुसज्जित है। वायु सेना के कपड़े हल्के नीले होते हैं।


वायु सेना हवाई युद्ध करती है। मतलब हवा से हवा में दुश्मन को ध्व्सत करना हो या जमीन पर दुश्मन को ध्वस्त करना हो वायु सेना इन कामों में माहिर है। "वैसे जो इंसान ज्यादा लड़ाई करता है हमारे यहाँ उस इंसान को भी लड़ाकू विमान की उपमा दे दी जाती है।" 


वायुसेना के लड़ाकू विमानों के आसमान से गुजरने के दौरान इतनी तेज गड़़गड़ाहट होती है कि मानो धरती हिल गई हो। आप सोच सकते हैं कि इन विमानों के पायलट महिला या पुरुष के अंदर कितना जोश और जज्बा होगा। फाइटर प्लेन को उड़ाना भी बहुत ही अदम्य साहस का कार्य है। वायु सेना में जाकर देश की सेवा करना हमारे देश के युवाओं की पसन्द बनती जा रही है।


जब देश की सुरक्षा की बात आती है तो सेनाओं में जाने वाले जवान कभी भी अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं। हँसते-हँसते देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं। उनकी आँखों में उस वक्त बस वही भारतीय तिरंगा छाया हुआ होता है और मातृभूमि के लिए जीना और मरना, यही सिखाया जाता है। और वो यह कहते हैं...... "  


ऊँचे इरादे ऊँची उड़ान भारतीय वायुसेना सबसे महान।"


लेखक

शालिनी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय बनी, 

विकास खण्ड-अलीगंज,

जनपद-एटा।

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