मैया मेरी

मैया मेरी तू जग का आधार है,

करती सपने सबके तू साकार है।


हम भक्त तेरे दर हैं आएँ,

झोली खाली हैं फैलाएँ।

भरती मैया तू सबके भण्डार है,

करती सपने सबके तू साकार है।

मैया मेरी तू जग...…


ओ माता मेरी शेरा वाली,

करती तू सबकी रखवाली।

भरती माँ अन्न धन के भंडार है,

करती सपने सबके तू साकार है।

मैया मेरी तू जग...........


जब-जब संकट के बादल छाए,

लेकर दुखड़े तेरे द्वार हैं आए।

मैया करती दुष्टों का संहार है।

करती सपने सबके तू साकार है।

मैया मेरी तू जग.......


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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