माता सिद्धिदात्री

 समस्त सिद्धियाँ करें प्रदान।

 सिद्धिदात्री माँ तुम्हें प्रणाम।।


 आठ सिद्धियों की तुम दाता,

 यदि कृपा हो तुम्हारी माता।

 चतु भुजाएँ, सिंह है वाहन,

 कमल पुष्प तुम्हारा आसन।।

 बिगड़े सारे बनते काम,

 सिद्धिदात्री माँ ..............


 जो जन माँ की भक्ति करता,

 विषय भोग शून्य हो जाता।

 कृपा रस का करता पान,

 मिट जाता है सारा अज्ञान।।

 मिले भक्तों को जग में नाम,

 सिद्धिदात्री माँ............


 हाथों में साजे शंख गदा,

 पदम और चक्र संग सदा।

 दोष हमारे दूर करें माँ, 

 शरण तुम्हारी प्राप्त करें माँ।।

 नमन करूँ प्रातः और शाम,

 सिद्धिदात्री माँ............


 समस्त सिद्धियाँ करें प्रदान।

 सिद्धिदात्री माँ तुम्हें प्रणाम।।


रचयिता

गीता देवी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,

विकास खण्ड- बिधूना, 

जनपद- औरैया।

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