१८९- राजीव सिंह, PS सहजनी, बहेड़ी, बरेली

मित्रों आज हम आपको एक बार पुनः एक ऐसे अनमोल रत्न से परिचय करा रहे है जिनके प्रेरक प्रयास हम सब को बार- बार देखने और जानने इच्छा होती हैं। ऐसे ही एक अनमोल रत्न शिक्षक साथी हैं भाई राजीव सिंह जी जनपद-बरेली से। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच की शक्ति से उन तमाम संसाधन सम्राट प्राइवेट स्कूलों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि अब तो वास्तव में बेसिक शिक्षा की व्यवस्था अनमोल रत्नों ने बदल दी है। ऐसे प्रेरक प्रयासों को करने वाले भाई राजीव सिंह जी एवं उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
आइये जानते हैं अनमोल रत्न के अनमोल और अनुकरणीय प्रयासों को:--
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मेरी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय सहजनी में 19 मई-2015 को हुई इससे पहले मैं भी अन्य शिक्षक साथियों की तरह ही हमेशा हर चीज के लिए  सिस्टम को दोषी मानता था। लेकिन जब मैं इस विद्यालय में आया और मैन यहाँ पर मुझसे पूर्व कार्य कर रहे प्रभारी प्रधानाध्यापक /संकुल प्रभारी डॉ० कवीन्द्र सिंह जी के कार्य को देखा मैं उनकी कार्यशैली से बहुत प्रभावित हुआ। उन्होंने विद्यालय को बहुत ही व्यवस्थित बना रखा था वह प्रतिदिन स्वयं बच्चों के साथ विद्यालय को साफ एवम व्यवस्थित बनाये रखने का प्रयास करते थे प्रारम्भ में मुझे लगता था कि ये तो काम सफाईकर्मी का है हम क्यों करे (जैसे कि अन्य लोगे समझते है) लेकिन धीरे-धीरे मेरे विचारों में भी देखते- देखते परिवर्तन आने लगा। जिससे मैंने भी उनका साथ देना शुरु कर दिया। अब ऐसा करने से मुझे स्वयं में बहुत ही आनंद की अनुभूति होने लगी। इसी बीच डॉ कवीन्द्र जी की अस्थायी व्यवस्था समाप्त हो गयी और वह अपने मूल विद्यालय चले गए लेकिन अब तक वह मेरे विचार परिवर्तित कर चुके थे। उन्होंने मुझसे वादा किया कि वह विद्यालय के विकास में हमेशा मेरे साथ रहेंगे। सबसे पहले हमने बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल की समस्या पर काम किया हमने विद्यालय में सबमर्सिबल और 1000 लीटर का टैंक और टंकियों की व्यवस्था की। इसके बाद हमारे विद्यालय में कुछ बोर्ड रखे थे जिनका प्रयोग करते हुए हमने दो कक्षाओं में बच्चो के बैठने हेतु फर्नीचर की व्यवस्था की एवम एक अन्य कक्ष का भी फर्नीचर अपने पास से बनवाया।विद्यालय के बारामदे एवं दो शौचालयों की मरम्मत और उनमें टाइल लगवाई। अक्सर कुछ खुराफाती बच्चे विद्यालय की दीवार कूद कर विद्यालय में प्रवेश कर जाते और विद्यालय को हानि पहुँचाते थे। इसे रोकने के लिए  हमने विद्यालय की बाउंड्रीवाल को 8 फिट तक ऊंचा कराया, जिससे खुराफाती बच्चों से विद्यालय सुरक्षित हो गया। साथ ही समय-समय पर प्रबंध समिति की बैठक / ग्रामवासियों का ध्यान विद्यालय की ओर आकर्षित किया उनको समझाने का प्रयास किया कि यह विद्यालय उनका है, हम तो केवल सेवक है आज यहाँ तो कल कही और होंगे लेकिन विद्यालय हमेशा आपका रहेगा और इसमें सदैव आपके ही बच्चे पढ़ेंगे धीरे-धीरे उनके ये बात समझ में आने लगी और उन्होंने विद्यालय के विकास में हमारा सहयोग करना आरंभ कर दिया। जिसका परिणाम आप सबके सामने है। ग्राम के सम्मानित नागरिक एवं smc के नामित सदस्य श्री प्रेमवीर सिंह जी ने विद्यालय के लिए लगभग 10000 रुपए की क़ीमत के पौधे विद्यालय को दान किये एवं संसद निधि से एक सोलर लाइट भी विद्यालय में लगवाने के लिए प्रयास किये। विद्यालय में पंखे एवं सबमर्सिबल तो थे लेकिन ग्रामीण अंचल में  लाइट न आने या अक्सर खराब होने के कारण उनका लाभ बच्चों को नही मिल पा रहा था इसके लिए हमने प्रयास किया और विद्यालय के लिए एक 5kva का जेनेरेटर और एक 2kva का इनवर्टर विद्यालय में लगवाया जिससे विद्यालय समय में विद्युत न होने पर भी सभी कक्षाओं में पंखे और सबमर्सिबल से टैंक भर देते जिससे बच्चों को पेयजल की आपूर्ति होती है। गत वर्ष विद्यालय को राज्य स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरुस्कार भी प्राप्त हुआ। विद्यालय में नवीन शौचालय हेतु मैंने ADO पंचायत श्री संजय दिक्षित जी को विद्यालय में आमंत्रित किया और उनसे सहयोग की अपेक्षा की उन्होंने सेक्रेटरी, ग्राम प्रधान और खंड प्रेरक के साथ विद्यालय का भ्रमण किया और हमारे द्वारा किये गए कार्यों की सराहना की और विद्यालय को अपनी ओर से दो बड़े dustbin भी भेंट किये और  ग्राम पंचायत के द्वारा विद्यालय में नवीन शौचालय बनबाने का वादा भी किया जिसका कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कु0 चंदना राम इकवाल यादव जी ने विद्यालय का निरीक्षण किया और हमारे प्रयासों को ब्लॉक के अन्य शिक्षकों को दिखाने के लिए अपनी निरीक्षण आख्या में खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया। उनके साथ आये वरिष्ठ लिपिक निरीक्षण श्री इंद्रजीत सिंह जी ने विद्यालय को अपनी ओर से 5000 रुपए की धनराशि भेट की। भविष्य में हमारा प्रयास रहेगा कि हम विद्यालय की प्रत्येक कक्षा कक्ष को स्मार्ट कक्ष में परिवर्तित करेंगे जिसकी ओर हम अग्रसर है। हमने संकल्प लिया है कि हम इस विद्यालय को आस-पास के प्राइवेट विद्यालयों से भी अच्छी शिक्षा के साथ, अच्छी सुविधाएं भी प्रदान करेंगे।
साभार:
राजीव सिंह प्रधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय सहजनी
बहेडी जनपद बरेली।
बहुत- बहुत धन्यवाद भाई रूपेंद्र   सिंह राठौर जी संयोजक जनपद-बरेली, जो स्वयं एक अनमोल रत्न होने के साथ आप जैसे अनमोल रत्नों को खोज कर परिचित कराते रहते हैं। जिसकी आज बेसिक शिक्षा को बहुत आवश्यकता है। क्योंकि स्वयं की उपलब्धियों के साथ न जाने कितने राष्ट्रीय पुरस्कार आए और चले गए। लेकिन कुछ आदरणीय अपवाद को छोड़ दें तो बेसिक शिक्षा के सम्मान और स्वाभिमान की ओर पलट कर भी नहीं देखा। आशा करते है आप सब अनमोल रत्न इसी तरह बेसिक शिक्षा के स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा के लिए एक जुट हो कर अपने प्रेरक प्रयासों से चार चाँद लगाते रहेंगे।
बहुत-बहुत आभार आपका
 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
 आओ हम सब हाथ मिलायें।
      बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
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धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों
विमल कुमार
कानपुर देहात
30/01/2018
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