ज्ञानदा स्तुति

नमन है नमन तुमको शत-शत नमन है   |
माँ शारदा तुमको शत-शत नमन है |-2
माँ ज्ञानदा तुमको शत-शत नमन है |

बसंतऋतु में बहती सुरभित पवन है |
वीणा की गुंजन से गुंजित भुवन है |
वेदों ऋचाओं स्वरों की ओ देवी !
आहुति में अर्पित ये हम सब का मन है |

नमन है नमन तुमको शत-शत नमन है |
माँ शारदा तुमको शत-शत नमन है |-2
माँ ज्ञानदा तुमको शत-शत नमन है |

पदपंकजा तुम धवल आवरण है |
तुम्हारे चरण छूती रवि की किरण है |
धरा पर तुम्हारा शुभ-आगमन है |
देवों ने अर्पित किए सब सुमन हैं |

नमन है नमन तुमको शत-शत नमन है |
माँ शारदा तुमको शत-शत नमन है |-2
माँ ज्ञानदा तुमको शत-शत नमन है |

सद्कार्यों का हमें ज्ञान दो माँ !
वाणी मधुर दो अभय दान दो माँ !
देखो मुझे भी इधर ध्यान दो माँ !
तुम्हारी ये 'प्रतिभा' तुम्हारी शरण है |

नमन है नमन तुमको शत-शत नमन है   |
माँ शारदा तुमको शत-शत नमन है |-2
माँ ज्ञानदा तुमको शत-शत नमन है |

रचयिता
प्रतिभा गुप्ता, 
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय खेमकरनपुर 
विजयीपुर, फतेहपुर।

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