निपुण
जनपद को निपुण बनाना है,
हमें अपना धर्म निभाना है।
निपुण लक्ष्य जो मिले हैं हमको,
उन सबको ही हमें पाना है।
स्कूल के हर एक बच्चे को,
हमें पढ़ना लिखना सिखाना है।
जनपद को निपुण........
क ख ग घ की सरगम को,
जीवन संगीत बनाना है।
ज्ञान की ज्योति जला हमें,
अज्ञान धरा का मिटाना है।
जनपद को निपुण........
खेल कूद और गीतों से,
बच्चों को सहज बनाना है।
विद्यालय के उपवन को,
हमें मिलकर खूब सजाना है।
जनपद को निपुण........
जीवन के हर संकट से,
बच्चों को लड़ना सिखाना है।
आशा के पंख लगा उनको,
अम्बर में उड़ना सिखाना है।
जनपद को निपुण........
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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