ऊधम सिंह जयंती

आजादी की आग को, सीने में था जला लिया,

जलियांवाला कांड को, जख्म सा सजा लिया।

कर्ज चुकाना था मिट्टी का, बदला लेने का ठाना,

गोली मारकर डायर को, निर्दोषों का बदला लिया।।


गदर पार्टी से हाथ, उन्होंने मिलाये, 

भगत सिंह से मिल कर मान बढ़ाये। 

काम असंभव था, फिर भी ऊधम,

सम्भव करके, सबको दिखलाये।।


26 दिसम्बर सन 1899 को,

पंजाब के संगरूर जिले में थे जन्मे, 

पिता सरदार तेहाल सिंह थे वॉचमैन,

माता नारायण कौर गृहणी के घर में।।


जनरल डायर की मृत्यु का दोषी मानकर,

4 जून 1940 को, फाँसी देना तय हुआ।

लंदन के 'पेंटोनविले जेल'  में उनको,

फाँसी की सजा देने का, कार्य  पूर्ण हुआ।।


रचयिता

वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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