विश्व मानवाधिकार दिवस
सामान्य जीवन यापन के लिए,
मनुष्य को चाहिए कुछ अधिकार।
जीवन, स्वतंत्रता, समानता, प्रतिष्ठा से जुड़े,
मानव मात्र होने से, मिले उसे अधिकार।।
नस्ल, जाति, धर्म, लिंग के आधार पर,
भेदभाव ना ले, कोई अनुचित आकार।
स्वतन्त्र और सुरक्षित हो मानव जाति,
दासता, गुलाम व्यापार, निषिद्ध हो हर बार।।
बुनियादी अधिकारों की सुरक्षा हेतु,
मानवाधिकारों की बैठक घोषणा हुआ हुआ।
10 दिसम्बर, 1948 को विश्व में,
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंगीकरण हुआ।।
4 दिसम्बर 1950 को, 317वीं बैठक में,
मानवाधिकार दिवस की स्थापना हुई।
महासभा ने संकल्प 423(v) के तहत,
इच्छुक संगठनों के जुड़ने की मंत्रणा हुई।।
इस दिवस विशेष का, उद्देश्य दुनिया में,
मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता लाना है।
मानव को मानव से कोई भय ना हो,
स्वतंत्रता, सुरक्षा का एहसास दिलाना है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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