युद्ध और सशस्त्र संघर्ष पर्यावरण के शोषण के रोकथाम के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दिवस
युद्ध और सशस्त्र संघर्ष की,
भेंट चढ़ रहा है पर्यावरण।
विश्व भर में जलवायु परिवर्तन के,
गंभीर कारणों में है युद्ध का वरण।।
सत्ता और प्रभुत्व को पाने को,
विविध देश हिंसा और संघर्ष अपनाते हैं।
बड़ी संख्या में जानमाल की हानि होती,
प्राकृतिक संसाधनों को आघात पहुँचाते हैं।।
युद्ध में प्राय: रेडियोधर्मी पदार्थ एवं,
यूरेनियम से बने बमों का होता है इस्तेमाल।
मानसिक-शारीरिक विकलांगता है आती,
जमीन, हवा में घुलकर करते रसायन प्रतिकूल हाल।।
युद्ध और सशस्त्र संघर्ष के पर्यावरण शोषण रोकने हेतु
प्रतिवर्ष 6 नवम्बर को, विश्व दिवस मनाया जाता है।
युद्ध संघर्ष से होने वाले, दुष्परिणामों के बारे में,
दुनिया में जन-जागरूकता लाया जाता है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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