बाल दिवस
14 नवंबर का दिन है खास,
बच्चों को रहती यह आस!
विद्यालय सजकर जायेंगे,
आज डाँट ना खायेंगे!
झूम, नाच कर गायेंगे,
बाल दिवस भी मनायेंगे!!
जन्मदिवस चाचा का आज,
बालदिवस जिसे कहे समाज!
बच्चों से था गहरा नाता,
आज भी सबको याद है आता!!
पूरे देश ने दिवस मनाया,
विद्यालय भी खूब सजाया!
पुष्प और मालाओं से सबने,
नेहरू जी को भी महकाया!!
बच्चों को मिष्ठान खिलाया,
खेल-कूद भी खूब कराया!
बच्चों और गुरूओं ने मिलकर,
बाल दिवस को खास बनाया!!
रचयिता
अंकुर पुरवार,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय सिथरा बुजुर्ग,
विकास खण्ड-मलासा,
जनपद-कानपुर देहात।
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