तुलसी वन्दना
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो।
तुम आधि-व्याधि दलने वालीं,
खाँसी-जुकाम हरने वालीं
औषधि की खानी नमो-नमो,
तुलसी महारानी नमो-नमो।
तुम पाप -ताप हरने वालीं,
अभिशाप सकल दलने वालीं।
माता कल्याणी नमो-नमो,
तुलसी महारानी नमो-नमो।
तुम जहाँ कहीं भी रहती हो,
दुःख दूर सभी के करती हो।
हे जीवनदानी! नमो-नमो,
तुलसी महारानी नमो-नमो।
तुम रहतीं घर उपवन होता,
फूला-फलता आँगन होता।
पल्लव परिधानी नमो-नमो,
तुलसी महारानी नमो-नमो।
हम रोज वन्दना करते हैं,
अनवरत साधना करते हैं।
हे दानी-मानी! नमो-नमो,
तुलसी महारानी नमो-नमो।
रचयिता
डॉ0 प्रवीणा दीक्षित,
हिन्दी शिक्षिका,
के.जी.बी.वी. नगर क्षेत्र,
जनपद-कासगंज।
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