विद्याज्ञान

आओगे जब तुम स्कूल में, विद्याज्ञान मिलेगा 

बरसों से वंचित, मरुभूमि में, ज्ञान सुधा बरसेगा


सवेरे-सवेरे स्कूल प्रांगण में 

खग कलरव करते होंगे

फूटेगी कोंपल, नव किसलय निकलेगा


आओगे जब तुम स्कूल में, विद्याज्ञान मिलेगा 

बरसों से वंचित मरुभूमि में, ज्ञान सुधा बरसेगा


तुमको सिखाएँगे अंकों का जादू

शिक्षक बन जादूगर

गिनती, पहाड़े और सवालों का हल निकलेगा


आओगे जब तुम स्कूल में, विद्याज्ञान मिलेगा 

बरसों से वंचित मरुभूमि में, ज्ञान सुधा बरसेगा


खिले पंखुड़ी हर फुलवारी  

बातें करो जब तुम प्यारी-प्यारी

ज्ञान वाटिका सीचेंगे, तो बालमन सँभलेगा


आओगे जब तुम स्कूल में, विद्याज्ञान मिलेगा 

बरसों से वंचित मरुभूमि में, ज्ञान सुधा बरसेगा


पर्यावरण की रक्षा करना 

सिखलाएँगे गुरुवर 

सात रंगों में, सिमटा रेनबो चमकेगा


आओगे जब तुम स्कूल में, विद्याज्ञान मिलेगा 

बरसों से वंचित मरुभूमि में, ज्ञान सुधा बरसेगा


रचयिता
रेनू चौधरी,
एआरपी विज्ञान,      
विकास खण्ड-मुरादनगर,
जनपद-गाजियाबाद।



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