चाचा नेहरू का जन्मदिवस

सब बच्चों के प्यारे चाचा,

नेहरू का है जन्मदिन आज।

हम सब नन्हें प्यारे बच्चे,

मिलकर खूब दिखाएँगे नाच।।


पण्डित नेहरू कहते जिनको,

लाल जवाहर जी था नाम।

भारत को आजाद कराया,

कूदे स्वतन्त्रता संग्राम।।


कुर्ता और पायजामा, टोपी,

जिनका साधारण पहनाव।

प्रिय थे फूल गुलाब जिन्हें और,

बच्चों से था बहुत लगाव।।


आज नहीं है करनी पढ़ाई,

मेला बाल लगाएँगे।

याद में चाचा नेहरू जी की,

खुशियाँ खूब लुटाएँगे।।


लेकर छोटी-छोटी दुकानें,

विद्यालय में लगाना है।

सब बच्चों के प्यारे चाचा,

जी का चित्र सजाना है।।


लगा है मेला खुशियों वाला,

सब चीजों की सजी दुकान।

रेवड़ी, टाॅफी, गुल्लक, गुड़िया,

और गुब्बारे बिकें तमाम।।


कोई दिखाता खेल है जादू,

कोई बनाता चना और लाई।

मीठा शरबत बेचे कोई,

और है मीठी-मीठी मिठाई।।


सुन्दर-सुन्दर सभी खिलौने,

बुढ़िया के बिकते हैं बाल।

खूब तमाशे बन्दर करता,

बन्दरिया की मटकी चाल।।


चाट-पकौड़े बेचे कोई,

दस रूपये में मिलती जो।

गोल-गोल हैं पानी वाले,

तीखे बताशे दिखते वो।।


सजी हुई हैं इधर दुकानें,

झूले और चरखी और है रेल।

पाँच रुपैया लेते काका,

चक्कर जो लगवाते ठेल।।


बिकती है मेले में देखो,

दस रूपये की सुन्दर बीन।

ले ली रामू, दीपू सबने,

तीस रूपये की देखो तीन।।


जोकर बनकर कोई घूमे,

बच्चों को देता उपहार।

खूब हँसाता हम बच्चों को,

खूब लुटाता हम पर प्यार


खेलो, खाओ मजे उड़ाओ,

और उड़ा लो मिलकर रंग।

मगर न करना कभी किसी को,

जान-बूझकर बच्चों तंग।।


देश की सेवा करना तुम सब,

लगा जान की अपनी बाजी।

नेहरू चाचा जैसे बनना,

देश की रक्षा करनी है जी।।


चाचा नेहरू जी के जैसे ही,

हम बच्चों को है बनना।

त्याग सभी सुख-विलासिता के,

देश की सेवा हमको करना।।


रचयिता

शिखा वर्मा,

इं०प्र०अ०,

उच्च प्राथमिक विद्यालय स्योढ़ा,

विकास क्षेत्र-बिसवाँ,

जनपद-सीतापुर।



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