राष्ट्रीय प्रेस दिवस

होते स्वतन्त्र और लोकतन्त्र के प्रति होते हैं जो जिम्मेदार,

लोकतंत्र का "चौथा स्तंभ" कहलाते हैं पत्रकार।

16 नवंबर 1966 को विधिवत शुरू किया कार्य करना,

अच्छे पत्रकार नहीं डरते, होता काम सच को उजागर करना।


मीडिया पत्रकारिता का वर्तमान में क्षेत्र है बड़ा ही व्यापक,

पहुँचाते जन-जन को अखबार संदेश शिक्षाप्रद, सूचनात्मक।

आज के युग में कुछ पत्रकारों की वजह से होने लगी किरकिरी,

बनाते बेवजह दबाव कार्यालय, स्कूलों में, इज्जत उनकी है गिरी।


रचयिता

शालिनी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय बनी, 

विकास खण्ड-अलीगंज,

जनपद-एटा।

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