शिक्षक

पढ़ाती हूँ लिखाती हूँ,

मन से समझाती हूँ।

गलती करते हैं बच्चे,

डाँट भी लगाती हूँ।।

मैं शिक्षक हूँ, मैं शिक्षक हूँ।

हाँ मैं एक शिक्षक हूँ।।

मेरे मन की बातों को,

समझते हैं बच्चे।

इशारे से पहले ही,

पूरा करते हैं बच्चे,

ज्ञान की दौलत को,

मैं उनमें बाँटती हूं।

मैं शिक्षक हूँ, मैं शिक्षक हूँ,

हाँ मैं शिक्षक हूँ।।

जीवन की राह हो कठिन,

तो उन पर कैसे है चलना,

आगे ही है बढ़ना,

कहीं भी नहीं है रुकना।।

हमेशा चलते ही रहना,

यह मैं ही बताती हूँ।।

मैं शिक्षक हूँ, मैं शिक्षक हूँ। 

हाँ मैं एक शिक्षक हूँ।

चोरी मत करना,

तुम हिंसा नहीं करना।।

आकाश की ऊँचाई को छूना, 

यह मैं ही बताती हूँ।।

मैं शिक्षक हूँ, मैं शिक्षक हूँ।

हाँ मैं एक शिक्षक हूँ।।


रचयिता

बीना रानी,

सहायक अध्यापक, 

पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुल नानू ऊ,

विकास खण्ड-अकराबाद,

जनपद-अलीगढ़।

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