६०४~ अनमोल रत्न वीरेन्द्र परनामी कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय कुरारा, हमीरपुर, उत्तर प्रदेश
🏅#अनमोल_रत्न-1🏅
मित्रो आज हम मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से आपका एक ऐसे चिरपरिचित अनमोल_रत्न शिक्षक साथी का परिचय आप से करवा रहें हैं जो जिम्मेदारी एवं कर्तव्य का साक्षात स्वरूप तथा त्याग एवं अनुशासित जीवन के धनी हैं। जिन्हें हम सभी #वीरेन्द्र_परनामी के नाम से तथा टीम मिशन शिक्षण संवाद के भाईयों एवं बहनों के लिए #वीरू भैया उपनाम से भी जाना जाता है। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच, कर्तव्यनिष्ठा एवं समर्पित प्रयासों से न सिर्फ अपने विद्यालय कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुरारा, हमीरपुर, उत्तर प्रदेश के भौतिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक परिवेश को आकर्षक, उपयोगी और परिणाम परक बनाया बल्कि जनपद के सार्वजनिक जनपदीय कार्यक्रमों में तथा मिशन शिक्षण संवाद के अनेकों महत्वपूर्ण स्तम्भों एवं प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों में चार चाँद लगाकर जिम्मेदारी निभाने का कार्य किया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय हैं।
आइये जानते हैं आपके सहयोगात्मक एवं समर्पित प्रयासों से किए गये अनेकों प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयासों को :-
👉शिक्षक परिचय : वीरेन्द्र परनामी (शिक्षक)
कस्तूरवा गांधी बालिका विद्यालय कुरारा हमीरपुर उत्तर प्रदेश एवं टीम मिशन शिक्षण संवाद
विद्यालय में सेवा काल- 09 जुलाई 2011 से अभी तक
👉विद्यालय का भौतिक परिवेश एवं साज-सज्जा:-
आपके समर्पित सहयोग एवं प्रयासों से विद्यालय में सुसज्जित पेड़-पौधे, आकर्षक चित्रकारी आदि से विद्यालय को आकर्षक एवं मनमोहक बनाया गया। जिससे विद्यालय का भौतिक परिवेश आकर्षक का केन्द्र बना हुआ है।
👉विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियाँ:-
छात्राओं को कला, पेंटिंग, रंगोली, खेल, प्रजेंटेशन, संगीत, नृत्य, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी या अन्य प्रतियोगिता हेतु उन्हें प्रोत्साहित एवं उत्साहित करने के साथ जो अपना अनुभव व सहयोग दे सकता था वह उन्हें निरंतर प्रदान करने का प्रयास किया। जिससे ये छात्राएँ आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन सकें। इसके लिए समय- समय पर इनके साथ मिलकर जीवनोपयोगी सामग्री निर्माण हेतु प्रेरित करता रहा।
👉विद्यालय की खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ :- आपके द्वारा विद्यालय की छात्राओं को किसी भी मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने, खेल के मैदान में डट कर मुकाबला करने के लिए, उनमें आत्मबल भरने की सदैव कोशिश रही, यही कारण है कि कस्तूरबा कुरारा की छात्राओं की सहभागिता विभागीय अथवा शासकीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मंच पर अनिवार्य बनकर रही है। जनपद की कोई भी खेल की प्रतियोगिता रही हो, उसमें ये छात्राएँ सदैव वहाँ बुलाई गई। हमेशा विपरीत टीम को कड़ी टक्कर दी। मुख्य रूप से खो-खो में लगातार चैंपियन रहने का गौरव प्राप्त रहा। खो-खो में जब भी कस्तूरबा की टीम को सम्मानित किया गया। विद्यालय ने सबसे अधिक मैडल प्राप्त किये। मात्र 1 बार 2018 में राज्य स्तर के खेल हुए जिसमें विद्यालय ने खो-खो में सेमीफाइनल तक का सफ़र तय किया। वहीं लोक कला में प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, ऊँची कूद, लंबी कूद, गोला या हीट में छात्राओं ने लगभग जनपद स्तर पर प्रत्येक बार कोई न कोई स्थान प्राप्त किया, छात्राओं को बॉलीबॉल और बैटमिंटन की भी तैयारी कराई गई। इन गेम्स में भी छात्राएँ जनपद स्तर पर चयनित हुई।
👉सामाजिक कार्यों में सहभागिता :-
विद्यालय की छात्राओं द्वारा अनेकों पर्यावरण से संबंधित एवं सामाजिक जागरूकता अभियान के आयोजित होने वाले कार्यक्रमों जैसे- बेटी बचाओ, सड़क सुरक्षा, चुनाव जन जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण अभियान जैसे विषयों पर होने वाली रंगोली, पोस्टर, नुक्कड़ नाटक, गीत आदि में हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन छात्राओं द्वारा संभव हो पाया।
👉 अन्य उत्कृष्ट कार्य एवं परिणाम:-
विद्यालय शिक्षा खेल कंपटीशन आदि के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी जनपद में टॉप में रहा, विद्यालय के पास जब स्वयं के ict संसाधन नहीं थे, तब भी ये छात्राएँ व्यक्तिगत प्रयासों के कारण मोबाइल, कम्प्यूटर, प्रोजेक्ट्स के प्रयोग से शिक्षा तकनीकी का उपयोग कर रही थी।
इसके साथ मीना मंच के माध्यम से अनेकों समिति के निर्माण एवं उनकी ज़िम्मेदारी देकर छात्राओं को भविष्य की आवश्यकता वाले कार्यों में निपुण बनाने के साथ सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने का प्रयास रहा। इसके साथ ही जिन विषयों में छात्राओं को आवश्यकता हुई उन्हें उर्दू के अतिरिक्त अन्य विषयों पर भी कार्य करने व इन छात्राओं को उस विषय पर समझ विकसित हो इसके लिए जितना समय मिला, इन छात्राओं के साथ मिलकर उन विषयों पर भी काम किया। विद्यालय के भौतिक परिवेश (विद्यालय स्वच्छता पुरस्कार) के लिए विद्यालय को बेसिक, कस्तूरबा, माध्यमिक विद्यालयों तथा प्राइवेट मान्यता प्राप्त विद्यालयों के साथ कंपटीशन में जनपद के श्रेष्ठतम विद्यालय के रूप में चुना गया। विद्यालय में जब विभाग के द्वारा लाइब्रेरी हेतु पुस्तकें न के बराबर उपलब्ध कराई गई थीं उस समय भी विद्यालय में निजी प्रयासों से 500 से अधिक बाल उपयोगी पुस्तकें थी। वर्तमान में गणित और कम्प्यूटर शिक्षक न होने पर उर्दू के साथ इन विषयों में निपुणता हासिल कराने का प्रयास जारी था, खान एकेडमी द्वारा संचालित गणित की कक्षाओं के संचालन भी करवाते हैं। छात्राओं को निपुण बनाने के साथ उनकी बोली-भाषा, रहन-सहन, सही-गलत की पहचान के साथ उनका शिक्षा के हर क्षेत्र मनोबल बढ़ सके इसके लिए लगातार उनकी काउंसिल करने की कोशिश रहती है। विद्यालय जब से संचालित है तब से आज तक रंगोली के लिए इस विद्यालय को सदैव वरीयता मिलती है।
SMC बैठक, अभिभावक-शिक्षक बैठक के माध्यम से सदैव सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते रहे हैं। इसके लिए अभिभावकों और विद्यालय के बीच तालमेल बनाये रखा। इस कारण विद्यालय में छात्राओं का ठहराव सदैव 90% से अधिक ही रहा। गेम्स या सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु निजी प्रयासों से उनके लिए ड्रेस का इंतजाम विद्यालय सहयोग से ही सम्भव हो सका।
👉अन्य सामाजिक एवं सार्वजनिक कार्यों में सहभागिता :- वैसे तो विद्यालय के अतिरिक्त अनेकों सामाजिक एवं सार्वजनिक कार्यों में समर्पित सहभागिता रही है लेकिन मिशन शिक्षण संवाद में एक टेक्नीकल टीम के महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में तथा जनपद के विविध विभागीय एवं शासकीय सार्वजनिक कार्यक्रमों को आकर्षक रूप देने प्रमुख सहभागिता रही है।
कोविड काल में जहाँ सम्पूर्ण विश्व स्थिर हो चुका था, सारे रास्ते बन्द थे, जन जीवन, शिक्षक और बच्चे सभी घरों में कैद हो चुके थे। उस संकट काल में आपने अपनी टीम के साथ मिलकर हजारों शिक्षकों को ऑनलाइन तकनीकी प्रशिक्षण देकर तथा बच्चों के लिए दैनिक शिक्षण सामग्री बनवाकर सोशलमीडिया के विविध प्लेटफार्मों का सदुपयोग कर शिक्षा के उत्थान एवं मानवता के कल्याण का महान कार्य किया जो आज भी पढ़ाई से प्रतियोगिता अभियान के रूप में अनवरत जारी है। जिससे परिणाम स्वरूप हजारों निर्धन परिवार के बच्चों का सफलता के रूप में भाग्य बदल रहा है।
संकलन एवं सहयोग :- टीम मिशन शिक्षण संवाद
11-06-2023
नोट : यदि आपने भी अपने विद्यालय में स्वयं के प्रयासों से कुछ प्रेरक एवं अनुकरणीय कार्य किए हैं जो अन्य शिक्षकों के लिए सहयोगी हो सकते हैं तो आप मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर- 9458278429 पर विवरण और फोटो के साथ भेज सकते हैं।
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