नन्हें मुन्ने
प्यार मिले हर बच्चे को,
और मिले दुलार।
इन नन्हें मुन्ने फूलों से ही,
महके घर संसार।
मिले पौष्टिक भोजन नित,
व शिक्षा का अधिकार।
स्वस्थ रहे तन मन उनका,
ना पड़ें कभी बीमार।
भेद भाव हो ना संग उनके,
मिले समान अधिकार।
फले फूले हर बच्चा जग में,
हों सपने उनके साकार।
दीन हीन, लाचारों पर,
ना हो कोई अत्याचार।
उनकी हर एक समस्या पर,
मिलकर करें विचार।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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