६०९~ अनमोल रत्न कुसुम भट्ट (स०अ०) राजकीय इण्टर कॉलेज कण्डारा, वि० ख०-अगस्त्यमुनि, जनपद- रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड

 🥇#अनमोल रत्न 🥇

👉 1-शिक्षक का परिचय-:

श्रीमती कुसुम भट्ट (स०अ०)
राजकीय इण्टर कॉलेज कण्डारा, वि० ख०-अगस्त्यमुनि, जनपद- रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड 

प्रथम नियुक्ति:- 15/08/1998
वर्तमान विद्यालय में नियुक्त :- 05/05/2016
👉 2- विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास :
A- स्वयं के प्रयास :
1-विद्यार्थियों की प्रतिभा को पहचान कर सम्बंधित प्रतिभा को मंच प्रदान करना
जिसके लिये निम्न रचनात्मक कार्य किये गये। कार्यों को दो संवर्गो में दिखाया जा रहा है।
प्राथमिक स्तर-
(1) छात्र/छात्राओं  की सृजनशील क्षमता के विकास बालचित पत्रिका का सम्पादन करना।
(2) छात्रों के लेख, कविता, पेण्टिंग्स आदि विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाना।
(3) छात्रों को अतिरिक्त समय में कविता, गीत, नाटक आदि का अभ्यास करवाना,

B- अन्य शिक्षकों के सहयोग से
1-प्रार्थना सभा को रोचक बनाने के लिए साउण्ड सिस्टम का प्रयोग कर विभिन्न गतिविधियाँ करवाना एवं हर छात्र को बोलने का अवसर प्रदान करना।
2- विद्यालयी खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्रों को संकुल स्तर, ब्लाक स्तर, जनपद स्तर तथा राज्य स्तर पर प्रतिभाग करवाना तथा स्वयं मार्गदर्शक के रूप में प्रतिभाग करना।
3- सपनों की उड़ान कार्यक्रम में संकुल स्तर, ब्लाॅक स्तर, जनपद स्तर पर कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, एपण आदि अन्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर स्थान प्राप्त करना।
4- वार्षिकोत्सव का भव्य आयोजन कर विद्यालय के समस्त छात्रों को प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करना।




👉 विद्यालय का शैक्षिक वातावरण बनाने हेतु निम्न प्रयास किये गये।
(1) कक्षा कक्षों की दीवारों पर रुचिपूर्ण कक्षा की तर्ज पर आकर्षक टिकाऊ टी० एल० एम० का  निर्माण किया गया। जो कि एकल अध्यापक के रुप में कार्य करते हुए बहुत सुविधाजनक साबित हुआ।
2) छात्रों के स्तरानुसार समूह में वितरित करके उपचारात्मक शिक्षण करना।
👉 अन्य शिक्षकों के सहयोग से
(1) कक्षा कक्षों में छात्र प्रगति विवरण लगाना जिससे प्रत्येक छात्र के स्तर का  अवलोकन किया जा सके।
(2) अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के अभिभावकों से सम्पर्क कर विद्यालय आने के लिए प्रेरित करना।
(3) छात्रों के स्तर को मध्यनजर रखते हुए समूह में वितरित कर शिक्षण करना।
👉 जनप्रतिनिधि के सहयोग से :-
➡️ जरूरत मन्द  छात्रों को शैक्षिक सामग्री उपलब्ध करना।
➡️ राष्ट्रीय पर्वों पर छात्रों को पुरस्कार एवं मिष्ठान वितरण।
👉 शासन के सहयोग से :-
1-विद्यालय की चाहर दीवारी हेतु प्रयास।
2-विद्यालय के लिए अतिरिक्त कक्ष के लिए प्रयास।
👉 जन सहभागिता से :-
1-जन सहभागिता से समय-समय पर  बैठकें कर शैक्षिक एवं भौतिक पर्यावरण चर्चा करना।
2-विभिन्न एन०जी०ओ० के माध्यम से  चटाई, स्वेटर एवं पाठ्य सामग्री की व्यवस्था करवाना।
3- एन० जी० ओ० के माध्यम से विद्यालय में चर्खी आदि लगवाना।












👉 अन्य सहयोग से :-
1-भोजन माता और बच्चों के सहयोग से फुलवारी और बागवानी का निर्माण किया गया।
👉 3- किए गये प्रयासों का परिणाम :-
A- विद्यालय में नामांकन में वृद्धि होती गई सेवित ग्राम के तीन पब्लिक स्कूल  बन्द हुए और वहांँ के समस्त बच्चों का नामांकन राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिल्ला में करवाया गया। जिसके फलस्वरूप विद्यालय की छात्र संख्या 80 तक पहुंँच चुकी थी।
B- प्रतियोगिताओं में सफल छात्रों की संख्या-
नवोदय विद्यालयों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के फलस्वरूप दो छात्रों का चयन हुआ।
👉4- विद्यार्थियों की
उपलब्धियाँ :-
A- विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त पुरस्कार विवरण :
1)  छात्र छात्राओं ने विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रिया कलापों जैसे सपनों की उड़ान में कविता पाठ,  भाषण प्रतियोगिता, रंगोली एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में जनपद स्तर पर अलग अलग प्रतियोगिताओं में प्रथम द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया।
2) क्रीडा रैली में अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता में जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर पर प्रतिभाग किया साथ ही अन्य प्रतियोगिताओं  जैसे कबड्डी  खो- खो आदि में भी अधिकसंख्या में राज्य स्तर पर प्रतिभाग कर सफलता प्राप्त की।
👉 6- शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियाँ :-
सर्व शिक्षा अभियान द्वारा विद्यालय को जनपद स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय प्रबन्धन समिति का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
A- शिक्षकों के स्वयं के सृजित नवाचारों का विवरण
➡️ दृश्य श्रव्य साधनों का प्रयोग।
➡️ विषयवस्तु को सरल व रुचिकर बनाने के लिए स्वरचित कविताएंँ बनाना।
➡️  टी० एल० एम० प्रतियोगिता में विभिन्न वर्षों में ब्लाक स्तर और जनपद स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त।
👉4- विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ :-
1) छात्र/छात्राएंँ विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों में ब्लाॅक स्तर, जनपद स्तर तथा राज्य स्तर पर प्रतिभाग करते हैं।
2) राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 2017-18, 2018-19, 2019-20 व 2021-22 में राज्य स्तर पर सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया।
3) सीमान्त जनपदीय राष्ट्रीय बाल कांग्रेस में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 2022-23 में कविता पाठ एवं जूनियर वर्ग नाटक प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।
4) 2022 फूलदेई महोत्सव में धाद संस्था द्वारा आयोजित फूलदेई चित्रकला व कविता प्रतियोगिता में  छात्रों की पेण्टिंग्स राज्य स्तर पर चयनित हुई हैं।
5) कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल स्मृति समारोह में कविता पाठ एवं सांँस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर स्थान प्राप्त करना।
6) मातृभाषा आन्दोलन में छात्रों ने ब्लाक स्तर पर नाटक में प्रथम स्थान एवं लोकगीत में द्वितीय स्थान प्राप्त कर जनपद स्तर पर प्रतिभाग किया।
7) कला उत्सव में जनपद स्तर पर प्रतिभाग कर विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त किया है।
8) केदारघाटी दस्तक द्वारा आयोजित फूलदेई महोत्सव में प्रतिभाग कर प्रथम या द्वितीय स्थान प्राप्त करना।
9) विभिन्न स्थानीय प्रतियोगिताओं में  प्रतिभाग कर स्थान प्राप्त करना।
👉 6 - शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियाँ :-
A- शिक्षकों के स्वयं के सृजित नवाचारों का विवरण
1) विषयवस्तु को सरल व रुचिकर बनाने के लिए विषय शामिल स्वरचित कविताएंँ बनाना।
2) विभिन्न प्रकार के टी० एल० एम० का निर्माण कर उनके माध्यम से शिक्षण कार्य करना।
3) प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षण कार्य करना।
4) कोविड काल में आई०सी०टी० के प्रयोग से विभिन्न एप्प के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण कार्य करना तथा गूगल फार्म के माध्यम से मासिक परीक्षा लेना।
5) कोविड काल के कारण लाॅकडाउन में छात्रों को विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करवाकर सर्टिफिकेट प्राप्त करना।
👉 शिक्षक की व्यक्तिगत उपलब्धियाँ :-
1) साहित्य के क्षेत्र में 2016 में शिशुलोक गौरव सम्मान मिला
2) वात्सल्यम अभ्युदय मंथन द्वारा शिक्षक नवाचारी सम्मान दिया गया।
3) मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान दिया गया
4) कोविड काल में जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा द्वारा प्रशस्तिपत्र दिया गया।
5) कोविड काल में मध्याह्न पोषाहार प्रतियोगिता में अधिसंख्य छात्रों को ऑनलाइन क्विज में प्रतिभाग कराने हेतु राज्य स्तरीय प्रशस्ति पत्र दिया गया।
6) अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022में जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा द्वारा सम्मानित किया गया।
7) डा जैक्सवीन नेशनल पब्लिक स्कूल गुप्तकाशी द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान दिया गया।
8) मन्दाकिनी की आवाज रेडियो स्टेशन द्वारा सामुदायिक सहभागिता हेतु प्रशस्ति पत्र दिया गया।
9) मतदाता जागरूकता अभियान हेतु महिलाओं के सहयोग से ऑडियो- वीडियो बनाई गई जिसे निर्वाचन आयोग द्वारा सोशल मीडिया पर डाला गया। साथ ही छात्रों को पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया गया। जिस हेतु स्वीप द्वारा प्रशस्तिपत्र दिया गया।
10) अन्य-विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा विभिन्न मंचों पर सम्मानित किया जाता है।तथा साथ ही कलश संस्था की केदारघाटी संयोजक का कार्य करते हुए विभिन्न मंचों पर संचालन एवं काव्य पाठ करना।
11) केदारघाटी से निकलने वाली दस्तक पत्रिका में बाल मंच काॅलम का सम्पादन कर विभिन्न विद्यालय के छात्रों की रचनाएं प्रकाशित करवाना।
12) मिशन की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में सहयोग तथा कोविड काल में आई सी टी के प्रशिक्षण में एम टी हेतु सहयोग करना।
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👉 मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश-:
मिशन शिक्षण संवाद द्वारा शिक्षकों की दक्षताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित कर एक नया आयाम स्थापित किया गया है। जो शिक्षक केवल मोबाइल पर फेसबुक और वट्सअप चलाने के अलावा कुछ भी नहीं जानता था उसने मोबाइल से विभिन्न छात्रोपयोगी  एप्लीकेशन पर कार्य करना सीखा है तो सिर्फ और सिर्फ मिशन शिक्षण संवाद से जुड़कर ही सीखा है। मिशन शिक्षण संवाद का कारवाँ दिन-प्रतिदिन बढता जाए और शिक्षा जगत को लाभान्वित करता रहे ।हार्दिक आभार मिशन शिक्षण संवाद टीम।
👉 शिक्षक समाज के लिए सन्देश-:
शिक्षक समाज के लिए-  शिक्षक समाज का निर्माता होता है। कार्य बेहतर होगें तो निश्चित है कि परिणाम भी बेहतर आयेंगे। परिणाम कोई एक या दो-चार दिन या दो-चार महिने में नहीं आते उसके लिए निरन्तर प्रयास करना पड़ता है, चाहे कोई आपको देखे या न देखे ये मायने नहीं रखता लेकिन आप अपने कार्य से कितने सन्तुष्ट हैं ये जरूर मायने रखता है। यदि आपने अपने अन्दर झांँकना शुरु कर दिया तो निश्चित है कि आप अपने कर्तव्य के प्रति चार कदम आगे चलने की दिशा में बढ़ने लगे हैं। कोई भी पद उतना महत्वपूर्ण नहीं होता जितनी ये बात होती है कि आप उस पद के दायित्वों का निर्वहन कितनी संजीदगी से कर रहे हो। इसलिए आत्ममन्थन कर अपने शत-प्रतिशत देने का प्रयास करना चाहिए।
संकलन- कमल सिंह विष्ट, जिला संयोजक रुद्रप्रयाग
सहयोग एवं साभार - माधव सिंह नेगी, टीम मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड
नोट :- जो अनमोल रत्न जिला एडमिन/ संयोजक के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया व जांच के बाद आते हैं उन्हें ही किसी कार्यक्रम में प्रतिभाग का अथवा वार्षिक अनमोल रत्न प्रमाणपत्र प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा। शेष सीधे बिना किसी जांच के आने वाले अनमोल रत्नों को केवल प्रचार-प्रसार कर प्रोत्साहित किया जायेगा।
सादर निवेदन:- टीम मिशन शिक्षण संवाद
सम्पर्क : वाट्सअप- 9458278429

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