जयकार

तर्ज - ले के पहला-पहला प्यार


सज गया राम दरबार,

सपना पूरा हो गया आज।

अयोध्या नगरी में गूँजी,

सिया राम की जयकार।


नर नारी सब धूम मचाएँ,

राम लला के मंगल गाएँ।

सज गए अंगना सज गए द्वार,

हुई है खुशियों की बौछार।

अयोध्या नगरी में गूँजी,

सिया राम की जयकार।


साधु संतों ने ध्यान लगाया,

राम भजन में खुद को रमाया।

अब घर आए मेरे सरकार,

माया की अब ना कोई दरकार।

अयोध्या नगरी में गूँजी,

सिया राम की जयकार।


दुःख पीढ़ा अब मिट गई सारी,

राम जी ने भर दीं झोलियाँ हमारी।

प्रभु की महिमा है अपार,

हुआ है फिर से चमत्कार।

अयोध्या नगरी में गूँजी,

सिया राम की जयकार।


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।

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