रघुकुल नन्दन

अयोध्या सज गई दुल्हन सी सारी   

मंदिर स्थापना की हो गई तैयारी       

शुभ घड़ी है वो आने वाली 

राम जी की शोभा है निराली।।

 

दीप जले पग-पग पर देखो 

राम जी के होंगे दर्शन देखो 

जन्मों से था इंतजार जिनका

वो प्राण प्रिय श्री राम जी हमारे।।


ढोल नगाड़े बज रहे हर ओर

आनंद ही आनंद छाया चारों ओर

सारे संसार में एक ही नाम

प्रेम से बोल रहे जय सिया राम।।


कष्टों से हम सब को तारो

रघुकुल नन्दन अब तो पधारो।

हर्षित हो रहा जन-जन का मन 

सबको तुम प्राणों से प्यारे।।


रघुकुल नन्दन अब तुम आओ

हम सबके हृदय में समाओ 

जन-जन अब तुमको पुकारे

दर्शन देकर हम सब को तारो।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

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