जन-जन के आदर्श राम

जन-जन के आदर्श राम,

श्रीराम का गूँजे नारा।

जय श्रीराम कहो मिलकर के,

मिट जाए दुख सारा।।


त्रेता युग में जन्म लिए, 

श्रीराम जी इसी धरा पर।

कर्तव्यों की अनुपम छवि,

आदर्श को जिए यहाँ पर।।

जीवन के हर दायित्वों का,

किए खूब निपटारा।

जय श्रीराम............


मात-पिता, गुरु, भाई के प्रति,

स्नेह, समर्पण अद्भुत। 

प्रजा हितैषी, मित्र संग,

व्यवहार की अनुपम सुध-बुध।।

पशु-पक्षी, प्रकृति संरक्षक, 

श्रेष्ठ कार्य हर न्यारा।

जय श्रीराम.............


नैतिकता चहुँओर विराजे,

हर इच्छा हो पूरी।

वैमनस्यता नहीं कहीं पे,

नहीं किसी से दूरी।।

प्रभु की मर्यादा सर्वोत्तम, 

सुख का भरा पिटारा।

जय श्रीराम.............


रचयिता

अरविन्द कुमार सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज, 
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।



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