सरदार वल्लभ भाई पटेल

तर्ज- छोड़ो कल की बातें ......


आओ जानें हम सब, लौह पुरुष की कहानी।

त्याग और दृढ़ता की मूरत, अद्भुत बड़े  बखानी।।

वो अमर सेनानी। वो अमर सेनानी। 


इकतीस अक्टूबर अठारह सौ पचहत्तर, 

दिवस यही जब झूम उठे धरती और अंबर।

जन्म हुआ गुजरात प्रांत के गाँव करमसद,

झबेर भाई और लाडबा पुत्र थे वल्लभ।

बचपन से ही अति साहसी और रहे स्वाभिमानी।।

वो अमर सेनानी। वो अमर सेनानी। 


पढ़ने गए विदेश वकालत पढ़कर आए,

अति प्रसिद्ध हो गए जो ऐसा काम दिखाए।

गांधी जी के साथ में आ, दी छोड़ वकालत,

तन-मन-धन से देश की सेवा का ठाना व्रत।

बंद कराए प्रथा बेगार जो फैली अति पुरानी।।

वो अमर सेनानी। वो अमर सेनानी। 


नागपुर के झंडा सत्याग्रह के लीडर थे।

अंग्रेजों को झुकने को मजबूर किए थे।

बारदोली के आंदोलन  को शुरू कराया,

बढ़ी लगान की दर को इन्होंने कम करवाया।

अंग्रेजों से हार कभी ना इन्होंने मानी।।

वो अमर सेनानी। वो अमर सेनानी। 


मिली देश को आजादी जब सैंतालिस में, 

गृहमंत्री का कार्यभार पाया पटेल ने।

सूझबूझ से काबू किए समस्याओं को,

नवभारत निर्माण किए अति दृढ़ता से वो।

एकीकरण रियासत देशी, देश को दिए निशानी।।

वो अमर सेनानी। वो अमर सेनानी। 


वक्त दिसंबर पन्द्रह, उन्नीस सौ पचास था।

दिल का दौरा पड़ आ पहुँचा महाकाल था।

स्वर्गारोहण दिवस रहा सरदार पटेल का,

नम आँखों ने विदा किया एक लाल देश का।

भारत रत्न सम्मानित हुए वो परम गुमानी।।

वो अमर सेनानी। वो अमर सेनानी। 


रचयिता
अरविन्द कुमार सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज, 
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।



Comments

  1. Bahut achchha post likha hai apne mujhe apke samjhane ka jo tarika hai o bahut pasand aya bahut sare website pr log gol gol ghumate lekin apne bilkul asan or satik tarike se information diya hai. Thankyou sir g good job Gaharwar ji

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  2. apka post padh kar achcha laga bahut achci janakari di hai thanku good job Chhoti e

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