राष्ट्रीय एकता दिवस

आओ एकता दिवस मनाएँ

'लौह पुरुष' को शीश झुकाएँ,


देश की खातिर पूरा जीवन 

बलिदानों में बीता

गुजराती  शेरों  नें  दम से 

रियासतों को जीता

गाँधी का दर्शन अपनाकर 

आगे बढते जाएँ, 


बारडोली संघर्ष के अगुवा

समर भूमि में कूदे

लोहे सा सीना फौलादी

मिट गये, जो भी जूझे

क्या होती तस्वीर देश की

कैसे अब बतलाएँ,


खेड़ा आन्दोलन को जीता

अन्नदाता की खातिर

'कर, अंग्रेजों से छुडवाएँ

चाल फिरंगी शातिर

जीवन बीता देशहित में

भारत रत्न कहाये,


स्वतन्त्र भारत का सपना 

जिसने खुली आँख से देखा

हुई रियासत विलय देश में

बढ़ी देश की रेखा

भारत को अखण्ड करके

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बन छाए, 


एक-एक बलिदानों की गाथा

जिव्हा कैसे बोले

मस्त पवन बन चहुँदिश स्यापे

चप्पा-चप्पा डोले

विश्व पटल में एक तिरंगा

कहता दिल लहराये, 


रचयिता
रीता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलेक्टर पुरवा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।



Comments

Total Pageviews