आज हमने एक पेड़ लगाया

स्कूल की प्यारी धरती पर,

आज हमने एक पेड़ लगाया।

बाजार गए खरीदने पेड़,

आम का पेड़ हमें खूब भाया।

आज हमने.....


पेड़ का दाम था पचास,

दिख रहा था बिल्कुल झकास।

जड़ों में उसके पैरा था लगाया,

आज हमने एक पेड़ लगाया।।


बाजार से लेकर स्कूल में आए,

सब साथियों ने मिल गड्ढे बनाए।

फिर उसमें पेड़ लगाया,

आज हमने एक पेड़ लगाया।।


लगा के पेड़ चारों तरफ मिट्टी,

उसके ऊपर डाली कुछ गिट्टी।

फिर गोलाकार थलहा बनाया,

आज हमने एक पेड़ लगाया।।


जानते हैं हम अराजक तत्व उखाड़ देंगे,

आज नही तो कल काट देंगे।

फिर भी अपने संकल्प को दोहराया,

आज हमने एक पेड़ लगाया।।


रचयिता
सुधांशु श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मणिपुर,
विकास खण्ड-ऐरायां, 
जनपद-फ़तेहपुर।

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