213/2024, बाल कहानी - 23 नवम्बर


बाल कहानी - घोर लापरवाही 
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नेहा छः वर्ष की थी। नेहा गाँव की प्राथमिक पाठशाला में कक्षा एक की छात्रा थी। नेहा के मामा बिजनौर में रहते थे। उनके घर में विवाह समारोह था।
नेहा अपनी माता-पिता के साथ में बिजनौर में शादी समारोह में गयी थी। गाँव में खुले में टेंट लगाया गया था। रात में सभी लोग दावत खा रहे थे। तेज आवाज में डीजे बज रहा था। नेहा के माता-पिता कार्यक्रम में व्यस्त हो गये। नेहा इधर-उधर खेल रही थी। कुछ समय बाद नेहा के पिता को नेहा का ध्यान आया और उन्होंने कहा, "नेहा कहाँ है?" चारों तरफ देखा, मगर नेहा नहीं थी। तभी वहाँ पर खेल रहे एक बालक ने बताया कि, "एक व्यक्ति नेहा को बाहर लेकर गया है।" 
नेहा के पिता तेजी से और लोगों को साथ लेकर बाहर के रास्ते पर ढूँढने लगे तो, उन्हें नेहा के रोने की आवाज सुनाई दी। उसने देखा कि, एक व्यक्ति नेहा को एक खण्डहर की तरफ ले जा रहा था। सभी गाँव वाले लोगों ने भागकर उसे आदमी को पकड़ लिया और उसको बहुत मारा। पूछने पर  उसने बताया कि, "वह उसे गलत कार्य के उद्देश्य से ले जा रहा था। उसने चॉकलेट का लालच देकर नेहा को अपने साथ चलने को राजी किया था।"
नेहा अपने पापा को देखकर उनसे लिपट गयी। वह सहमी हुई थी। सभी लोग कह रहे थे कि, "बेटी बच गयी।" नेहा के पापा ने सोच रहे थे कि, "उन्होंने अपनी बेटी को अपनी आँखों से दूर क्यों किया? अगर कुछ हो जाता तो क्या होता?" यह सोचकर उनकी आँखों से आँसू आ गये। आगे से उन्होंने प्रण किया कि वह कभी भी अपनी बेटी को कहीं भी अकेला नहीं छोड़ेंगे और अपनी बेटी को लेकर वापस समारोह में चले गये।

#संस्कार_सन्देश- 
हमें किसी की दशा में अपने बच्चों को अपनी आँखों से दूर न करें। इस मामले में किसी का भी विश्वास नहीं करना चाहिए।"

कहानीकार-
#शालिनी (स०अ०)
प्रा० वि० रजवाना, सुल्तानगंज 
जनपद- मैंनपुरी (उ०प्र०)

कहानी वाचन-
#नीलम_भदौरिया 
जनपद-फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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