शचींद्र नाथ सान्याल पुण्यतिथि

एक सच्चे राष्ट्रवादी और स्वतन्त्रता सेनानी, 

इस क्रान्तिकारी ने, अंग्रेजों से हार न मानी। 

हथियार, बल और शातिर उपाय करते प्रयोग, 

युवा समर्थकों को प्रेरित कर कमान सँभाली।। 


3 अप्रैल 1893 को, बनारस में जन्मे, 

बंगाली ब्राह्मण, शचींद्रनाथ था नाम। 

पिता हरिनाथ, माता खरोड़ वासिनी के पुत्र, 

अनुशीलन समिति की स्थापना का किया काम।। 


1912 में रासबिहारी  बोस के साथ, 

दिल्ली षड़यंत्र मुकदमे में हमला किया।

वायसराय हार्डिंग घायल, पत्नी की मृत्यु हुई, 

सान्याल को आजीवन कारावास की सजा दिया।।


अंडमान निकोबार जेल में कैदी रहे,

'द लाइफ आफ कैप्टिविटी' पुस्तक लिखे, 

दो बार वह,  पोर्ट ब्लेयर सेलुलर जेल गये, 

7 फरवरी 1942 में, उनकी मृत्यु हो गई।  


सच्चे क्रान्तिकारी की पुण्यतिथि पर,

भारत करता है शत-शत नमन।

विश्व पटल पर अमिट रहे तिरंगा,

भारत में सदा सर्वदा विराजे अमन।। 


रचयिता

वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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